Wednesday, March 2, 2016
नहीं रहे छत्तीसगढ़ के गांधी
लोकप्रिय संत कवि, पूर्व विधायक, पूर्व मंत्री, पूर्व सांसद और छत्तीसगढ़ के गांधी के नाम से मशहूर पवन दीवान का निधन बुधवार को सुबह साढ़े नौ बजे नईदिल्ली स्थित मेदांता अस्पताल में हुआ। लंबे समय से बीमार चल रहे 71 वर्षीय दीवान बे्रन हैमरेज के बाद एक सप्ताह से अस्पताल में भर्ती थे। हालत ज्यादा खराब होने के बाद उनको पिछले शनिवार को रायपुर के एमएमआई अस्पताल से मेदांता अस्पताल में शिफ्ट किया गया था। दीवान के निधन के बाद उनके पार्थिव शरीर को विशेष विमान से शाम को रायपुर एयरपोर्ट लाया गया। वहां से राजकीय सम्मान के साथ राजिम आश्रम के लिए रवाना किया गया। इस दौरान हजारों की संख्या में पवन दीवान के समर्थक और अनुयायी मौजूद थे।
राजिम विधायक और संत पवन दीवान के करीबी संतोष उपाध्याय ने बताया कि दीवान का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा, बल्कि समाधि बनाई जाएगी। उपाध्याय ने कहा कि साधु-संतों का अंतिम संस्कार नहीं किया जाता है। गुस्र्वार दोपहर दो बजे पवन दीवान को आश्रम में समाधि दी जाएगी। पवन दीवान का जन्म 1 जनवरी 1945 को राजिम के पास ग्राम किरवई में हुआ था। उनके पिता सुखरामधर दीवान शिक्षक थे। पवन दीवान ने राजधानी रायपुर के शासकीय संस्कृत महाविालय से संस्कृत साहित्य में एमए किया था। उन्होंने हिन्दी में भी स्नातकोत्तर की शिक्षा प्राप्त की थी। वे संस्कृत, हिन्दी और छत्तीसगढ़ी भाषाओं के प्रकाण्ड विद्वान थे। श्री दीवान राजिम स्थित ब्रम्हचर्य आश्रम के सर्वराकार भी रहे।
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