Monday, June 6, 2016

मौलिक चिंतन से दूर जोगी के सिपहसलार, केजरी-कन्हैया के विचार चुराए

मृगेंद्र पांडेय अजीत जोगी ने भले ही नई पार्टी बनाने की तैयारी कर ली हो, लेकिन उनके सिपहसलार मौलिक चिंतन से काफी दूर हैं। कोटमी के सभा में जो पर्चे बांटे गए, उसमें जोगी की मौलिकता नजर नहीं आ रहीहै। जोगी की पार्टी का संभावित नाम छत्तीसगढ़ अपना दल होगा। उत्तर प्रदेश में सोनेलाल पटेल की पार्टी का नाम अपना दल है। सोनेलाल की बेटी अनुप्रिया पटेल ने पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा के साथ गठजोड़ करके भदोही से लोकसभा सीट भी जीती है। सोनेलाल को जानने वाले साफ कहते हैं कि सिर्फ सवर्णों का विरोध करके पूरी जिंदगी अपनी नेतागिरी चमकाते रहे। ऐसे में क्या जोगी का एजेंडी भी सवर्ण विरोधी होगा। जोगी ने बसपा का टैगवर्ड सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय को चुना है। इसमें भी छत्तीसगढ़ियां कोई भी शब्द शामिल कर सकते थे, लेकिन वे सिर्फ बातों से ही छत्तीगढ़ियां राग अलाप रहे हैं। माना जा रहा है कि वे दलित और पिछड़ों पर फोकस राजनीति को बढ़ावा देंगे। उनके घोषणा पत्र में जेएनयू के छात्रसंघ्ा अध्यक्ष कन्हैया का आजादी वाला राग भी शामिल है। कन्हैया ने तो मौलिक आजादी का सवाल उठाया था, लेकिन जोगी के करीबी नेताओं ने इसे अपने घोषणा पत्र में शामिल करके बता दिया कि वे कुछ भ्ाी नया नहीं करने जा रहे हैं। सीजी खबर में एक आर्टिकल में अन्वेषा गुप्ता ने भी लिखा है कि छत्तीसगढ; में अजीत जोगी के पास ऐसे कौन से मुद्दे हैं जिनके बल पर वे कांग्रेस व भाजपा का विकल्प पेश कर सकते हैं. उनके पुत्र अमित जोगी द्वारा केवल यह कह देना कि जनता का समर्थन उ)की सबसे बड;ी संपत्ति है कह देना आज के राजनीतिक दौर में नाकाफ;ी है. जनता उसे वोट देती है जिसमें उसे अपनी बेहतरी की उम्मीद होती है. रमन सिंह या भूपेश बघेल की आलोचना करना उन्हें 2018 के विधानसभा में वोट नहीं दिला सकता है. जोड;-तोड; करके तो हरगिज भी 90 सदस्यीय छत्तीसगढ; विधानसभा में बहुमत हासिल नहीं किया जा सकता है. कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि छत्तीसगढ़ के मरवाही विधानसभा में अमित जोगी ने भले ही 40 हजार से ज्यादा वोट से जीत दर्ज की हो, लेकिन उसी मरवाही की पहली बैठक में सिर्फ दस हजार लोग ही पहुंचे। कांग्रेसी मान रहे हैं कि बाकी 30 हजार से ज्यादा वोटर कांग्रेसी है, जो कांग्रेस उम्मीदवार होने के कारण अमित जोगी के साथ थे। ऐसे में यह संदेश साफ है कि जोगी की एकला चलो की राह आसान नहीं है।