रंग : गोरा
कद : पांच फीट छह इंच
हुलिया : लम्बा पतला चेहरा
बीच से निकाली गई मांग
घनी मुछों के साथ चेहरे पर फ्रेंच कट दाढी
यही हुलिया सिमी और इंडियन मुजाहिद्दीन के साइबर गुरु तौकरी का भी है
और इसी हुलिए के ही शख्स ने दिल्ली के पालिका बाजार के पास के कूड़ेदान में १३ सितम्बर की शाम बम रखा था। ये महज एक संयोग भी हो सकता है लेकिन आतंकवादी गुट एेसे संयोग पर कभी विश्वास नहीं करते। एेसे में एक सवाल उठता है कि क्या दिल्ली में हुये सिलसिलेवार बम धमाकों के मास्टर माइंड अबू बशर का साथी तौकीर धमाकों की शाम क्या खुद भी दिल्ली में था?
केन्द्रीय जांच एजेंसियां और बम धमाकों से हड़बड़ाई दिल्ली पुलिस इस बात की पड़ताल करने में जुटी है कि आखिर वह कौन शख्श है जिसने १३ सितम्बर की शाम दिल्ली में रहकर दिल्ली को दहलाने की साजिश को अंतिम मुकाम तक पहुंचाने में अपनी अहम भूमिका अदा की। हालांकि अब तक केन्द्रीय जांच एजेंसियों का कोई भी अधिकारी खुलकर इस बात को स्वीकार करने की हालत में नहीं है कि धमाकों की शाम
तौकीर दिल्ली में था। लेकिन दबी जुबान में सभी अधिकारी यह कह रहे हैं कि १३ सितम्बर को तौकीर खुद दिल्ली में रहकर इस आपरेशन की कमान खुद संभाल सकता है।
तौकीर के खुद कमान संभालने के पीछे पुख्ता कारण भी मौजूद हैं। सिमी के आका सफदर नागौरी और उसके सिपहसालार अबू बशर की गिरफ्तारी के बाद एक तौकीर ही वह शख्स है जिसपर पाकिस्तान में बैठे आईएसआई के आका विश्वास करते हैं।
तौकीर नाम के जिस शातिर दिमाग को दिल्ली पुलिस बेहद बेचैनी से तलाश रही है वह बहुत मुमकिन है धमाकों की शाम दिल्ली में ही मौजूद हो और उसी ने पालिका बाजार के पास के कूड़ेदान में बम रखा हो। सूत्रों का कहना है कि तौकीर सा दिखने वाले
जिस शख्स ने पालिका बाजार के कूड़ेदान में बम रखा वह अपने एक साथी के साथ मोटरसाइकिल से वहां पहुंचा था और उसने उस वक्त जींस और टीशर्ट पहन रखी थी। खुफिया विभाग के पास तौकीर से जुड़े जो आंकड़े हैं उसमें भी इस बात का जिक्र है कि वह अमूमन जींस और टी शर्ट ही पहनता है और उसने फ्रेंच कट दाढ़ी रखी हुई है।
दिल्ली बम धमाकों की जांच कर रही केन्द्रीय जांच एजेंसियों के पास इस बात के भी सबूत मौजूद हैं कि अहमदाबाद और बेंगलोर में धमाके करने के पूर्व दोनों धमाकों
का मास्टर माइंड आजमगढ़ के सराय मीर निवासी अबू बशर दिल्ली आया था और यहां उसने तीन दिनों का प्रवास किया था। इस दौरान उसने एक दर्जन से अधिक लोगों से मुलाकात भी की थी। सूत्र बताते हैं कि बशर ने ही तौकीर को सिमी के लिये काम करने को राजी किया था। बशर से पूछताछ में अहमदाबाद पुलिस को उसके दिल्ली में तीन दिनों तक ठहरने की जानकारी मिली थी। एेसे में तौकरी का धमाके की शाम दिल्ली में होना कोई अचरज की बात नहीं है। बहुत मुमकिन है कि बशर के गिरफ्तार होने के बाद तौकीर ने खुद दिल्ली में रहकर विस्फोट की कमान संभाल ली हो और दिल्ली पुलिस मुम्बई में उसके ठिकानों पर उसकी तलाश कर रही हो।
अंशुमान शुक्ल
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