Thursday, April 28, 2016
टूट रहा था जज्बा, बेटे ने कहा-आखिरी चांस है मां, दे दो पीएससी
बेटे की जिद से 47 साल की मां ने किया पीएससी टॉप
इंटरव्यू के छह घंटे में पीएससी ने घोषित किया परिणाम, आभा तिवारी टॉपर
मृगेंद्र पांडेय
टॉपर आभा तिवारी का जज्बा अपनी बेटी की बीमारी के कारण टूट रहा था, लेकिन जब उनके बेटे ने यह कहा कि मां आखिरी चांस है, पीएससी दे ही दो, तो आभा खुद को रोक नहीं पाई। 47 साल की उम्र में आभा का जोश आज किसी कालेज टॉपर से कम नजर नहीं आ रहा था। नईदुनिया से चर्चा में आभा ने कहा कि अगर उनका बेटे मोटिवेट नहीं करता, तो आज वो घर पर ही बैठी रहतीं। आभा ने बतााया कि पिछले दस साल से अपनी बेटी की बीमारी को लेकर परेशान थी। जब बच्ची की मौत हुई, तो वह टूट सी गई। लेकिन हिदायतउल्ला नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले उनके बेटे ने ढांढस बंधाया और पीएससी की तैयारी में मदद की। आभा ने बताया कि लोक प्रशासन, इतिहास और संविधान की पढ़ाई उनके बेटे ने कराई। वे तीन बार से पीएससी की परीक्षा दे रही थी, लेकिन पहली बार में चयन डिप्टी कलेक्टर के पद पर हुआ। वे कत्थक नृत्यांगना हैं और बिरजू महाराज की शिष्य हैं। आभा गरियाबंद कालेज में पढ़ाती थी, लेकिन पिछले तीन साल से घर में ही तैयारी कर रहीं थी। आभा ने बताया कि पीएससी की तैयारी करने वाले परीक्षार्थियों को मेहनत और लगन के साथ तैयारी करनी होगी। आभा तिवारी के पति दिवाकर तिवारी सहायक आबकारी अधिकारी हैं और उनके भाई सेंट्रल एक्साइज कमिश्नर अजय पांडे हैं।
छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने राज्य सेवा परीक्षा 2014 का परिणाम गुस्र्वार शाम को जारी कर दिया, जिसमें रायपुर की गृहणी आभा तिवारी ने टॉप किया। राज्य सेवा के 325 पदों के लिए हुई परीक्षा का इंटरव्यू गुस्र्वार दोपहर डेढ़ बजे खत्म हुआ और शाम सात बजे परिणाम घोषित कर दिया गया। पीएससी ने पहली बार राज्य सेवा परीक्षा के परिणाम इंटरव्यू के छह घंटे बाद घोषित किया है। टॉप टेन में पांच सामान्य वर्ग और पांच पिछड़े वर्ग के उम्मीदवार हैं। इसमें दो डीएसपी, दो डेंटल डॉक्टर और तीन कमर्शियल टैक्स इंस्पेक्टर हैं। परीक्षा नियंत्रक एके मिश्रा ने बताया कि आभा तिवारी परीक्षा में 947 अंक प्राप्त करके पहले स्थान और स्निग्ध तिवारी 883 अंक के साथ दूसरे स्थान पर रही हैं। तीसरे स्थान पर भूपेंद्र कुमार साहू, चौथे योगेंद्र श्रीवास, पांचवे आनंद स्र्प तिवारी, छठवें राकेश गोलछा, सातवें विकास कुमार नायक, आठवें प्रदीप कुमार, नौवें मनीष साहू और दसवें स्थान पर ओंकार यादव का चयन हुआ है।
किसान की बेटी दूसरे स्थान पर, डीएसपी हैं स्निग्धा, चंदखुरी में ले रही है ट्रेनिंग
बिलासपुर के एक साधारण किसान परिवार की डॉ स्निग्ध तिवारी दूसरे स्थान पर हैं। इससे पहले उनका चयन डीएसपी पद पर हुआ था। स्निग्धा ने बताया कि वर्ष 2013 की पीएससी में उनका 32वां रैंक था। वर्तमान में वे पुलिस अकादमी चंदखुरी में प्रशिक्षण ले रही है। बीडीएस डाक्टर स्निग्धा का कहना है कि परीक्षा की तैयारी कर रहे परीक्षार्थी लक्ष्य निर्धारित करें। रोज टार्गेट करके पढ़ाई करेंगे, तभी सफलता मिलेगी। उन्होंने अपनी मां को प्रेरणा श्रोत बताया। उनके पिता किसान हैं।
कमर्शियल टैक्स की छोड़ी नौकरी, बना डिप्टी कलेक्टर
कोरबा के रहने वाले भूपेंद्र साहू का पीएससी में तीसरे स्थान पर चयन हुआ है। पिछली बार कमर्शियल टैक्स इंस्पेक्टर के पद पर चयन हुआ था, लेकिन डिप्टी कलेक्टर बनने के लिए ही उन्होंने इसे ज्वाइन नहीं किया। एनआईटी रायपुर से बीटेक करने वाले भूपेंद्र वर्तमान में एनटीपीसी सीपत में मैनेजर हैं। इनका कैंपस सलेक्शन हुआ था। भूपेंद्र ने बताया कि वर्ष 2013 की पीएससी में वे 77वें रैंक पर थे। उन्होंने बताया कि सफलता के लिए सोच, संकल्प और क्रियान्वयन की जरूरत है। पूरी इमानदारी से प्लानिंग के साथ तैयारी करने पर सफलता मिलती है। विजन क्लियर होने पर सफलता जरूर मिलती है।
लगातार तीसरी बार हुआ चयन
चौथे स्थान पर चयनित योगेंद्र श्रीवास का लगातार तीसरी बार पीएससी में चयन हुआ है। पहली बार अकाउंट अफसर, दूसरी बार डीएसपी और अब डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयन हुआ है। योगेंद्र वर्तमान में पुलिस अकादमी चंदखुरी में डीएसपी का प्रशिक्षण ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि पिछले पांच-छह साल से सक्रिय थे और लगातार प्रयास कर रहे थे। पिछली बार डीएसपी के पद पर चयन होने के बाद भी तैयारी नहीं छोड़ी और आज सफलता मिली है। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय बड़े भाई नरेंद्र नाथ श्रीवास को दिया है। श्रीवास ने बताया कि सोशल मीडिया से दूर रहा और सिर्फ पढ़ाई पर फोकस करने के कारण सफलता मिली है।
डेंटल डाक्टर ने दूसरी बार में मारी बाजी
रायपुर डेंटल कालेज में 2014 बैच में पास हुए डॉ विकास नायक ने दूसरी बार में ही बाजी मार ली। पहली बार पीएससी के इंटरव्यू तक पहुंचे थे, लेकिन चयन नहीं हुआ। इस बार सातवें स्थान पर चयन हुआ। बलौदाबाजार के रहने वाले विकास ने बताया कि पिछले तीन साल से तैयारी कर रहे थे। हार्ड वर्क और लगातार तैयारी से ही सफलता मिलती है। उनके पिता केएल नायक अंबुजा सीमेंटर में पदस्थ हैं। पीएससी में दूसरे स्थान पर चयनित डा स्निग्धा और विकास दोनों डेंटल कालेज में एक ही बैच में थे।
कभी सोचा नहीं था टॉप टेन में आऊंगा
कोंडागांव के प्रदीप कुमार बैद ने आठवां स्थान प्राप्त किया। इससे पहले वर्ष 2012 पीएससी में कमर्शियल टैक्स इंस्पेक्टर के पद पर चयन हुआ था। प्रदीप ने बताया कि उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि वे टॉप टेन में आएंगे। उनके पिता पीडब्ल्यूडी में पदस्थ्ा है। उनका कहना है कि पीएससी के लिए धैर्य रखना होगा। पूरी लगन के साथ तैयारी करने में सफलता जरूरत मिलती है।
हर बार बढ़ा पद
पीएससी में नौंवा स्थान प्राप्त करने वाले मनीष साहू ने लगातार प्रतियोगी परीक्षा पास की और हर बार उनका पद बढ़ता गया। डायरेक्ट्रेट में आदिम जाति कल्याण विभाग में पदस्थ प्रदीप इससे पहले असिस्टेंट कमांडेंट, उत्तर प्रदेश के बनारस नगर निगम में असिस्टेंट कमिश्नर के पद पर रह चुके हैं। भाठापारा निवासी प्रदीप ने बताया कि वर्ष 2010 में उनका चयन सीआईएसएफ में असिस्टेंट कमांडेंट के पद पर हुआ था। उसके बाद से ही वे परीक्षा दे रहे हैं। उनके पिता ग्रामीण बैंक खरोरा में पदस्थ हैं। प्रदीप की बहन कल्पना साहू ने 31 रैंक प्राप्त किया है। कल्पना अभी एक्साइज इंस्पेक्टर हैं और गरियाबंद में पदस्थ हैं।
अनुकंपा नियुक्ति में बना था क्लर्क
पीएससी में दसवां स्थान प्राप्त करने वाले बिलासपुर के ओंकार यादव अपने पिता की मौत के बाद अनुकंपा नियुक्ति में क्लर्क बने थे। उस समय ही उन्होंने तय किया कि वे एक दिन अधिकारी बनेंगे। वर्ष 2006 और 2008 की पीएससी में ओंकार ने इंटरव्यू दिया, लेकिन चयन नहीं हुआ। वर्ष 2013 की पीएससी में उनका चयन कमर्शियल टैक्स इंस्पेक्टर के रूप में हुआ। ओंकार ने बताया कि उनके पिता तहसीलदार थे, जब उनकी मौत हुई तो अनुकंपा नियुक्ति के रूप में क्लर्क की नौकरी मिली थी। उन्होंने बिना कोचिंग के पढ़ाई की और टाइम मैनेजमेंट करके सफलता अर्जित की।
तीन बोर्ड में 18-18 उम्मीदवारों का इंटरव्यू
छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (छग पीएससी) 2014 के लिए इंटरव्यू चार अप्रैल से शुरू हुआ। 17 दिन तक चले इंटरव्यू में 891 अभ्यार्थी को शामिल होना था, लेकिन दो अभ्यार्थी अनुपस्थित रहे। पीएससी चेयरमैन आरएस विश्वकर्मा ने बताया कि इंटरव्यू के लिए तीन बोर्ड बनाया गया था, जिसमें 18-18 उम्मीदवारों का एक दिन में इंटरव्यू किया गया। इंटरव्यू सुबह 9 बजे और दोपहर 1 बजे तक दो पॉलियों में हुआ। मुख्य परीक्षा नवंबर 2015 में आयोजित की गई थी। इसमें 32 सौ से ज्यादा अभ्यार्थी शामिल हुए थे।
टॉप 10
आभा तिवारी-गृहणी
डॉ स्निग्धा तिवारी-डीएसपी-डेंटल डाक्टर
भूपेंद्र साहू-कमर्शियल टैक्स इंस्पेक्टर
योगेंद्र श्रीवास-डीएसपी
डा विकास कुमार नायक-डेंटल डाक्टर
प्रदीप कुमार बैद-कमर्शियल टैक्स इंस्पेक्टर
ओंकार यादव-कमर्शियल टैक्स इंस्पेक्टर
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