सवाल – अन्ना आपने पहले भी कहा था कि आप कोई राजनीतिक पार्टी नहीं बनाएंगे। तो फिर आप करेंगे क्या। आप किन लोगों का प्रचार करना चाहते हैं।
अन्ना – मैं कोई पक्ष और पार्टी में नहीं जाऊंगा, न मैं कोई पक्ष निकालूंगा, न राजनीति में जाऊंगा। कर्मण्येवादिकारस्तु महाफलेषु कदाचन। निष्काम कर्म यही भगवान की पूजा है। यह सोचकर मैं करते रहूंगा लेकिन कई लोगों का प्रश्न है कि आप राजनीति में नहीं जाएंगे तो इसको कैसे बदलेंगे। इसलिए मैं ये सोचा है कि कई तरुण जो युवक हैं उनको ये आह्वान किया है कि आप चरित्र को संभालो, अपने आचार विचार शुद्ध रखो, जीवन निष्कलंक रखो, जीवन में थोड़ा त्याग करो, अपमान पीने के लिए शक्ति रखो और दिया के मुताबिक जलते रहो, समाज के लिए, देश के लिए। और जब मैं देखूंगा 2-3-4 साल में कि देश में ये-ये युवक इतना शानदार काम कर रहे हैं उस टाइम पर ऐसे युवकों को मैं बताऊंगा election के लिए खड़े हो जाओ। पक्ष और पार्टी में मत जाओ। Independent खड़े हो जाओ। और ऐसे युवकों का प्रचार करने के लिए मैं खुद जाऊंगा। मैं पक्ष पार्टी नहीं निकालूंगा। लेकिन ऐसे युवक, चरित्रशील युवक ये विधानसभा-लोकसभा में जाने जरूरी हैं। ये पवित्र मंदिर हैं लोकशाही के। ऐसे पवित्र मंदिर में पवित्र लोगों को जाना चाहिए। आज हमारी संसद की क्या हालत है। 150 लोग दागी हैं तो क्या होगा इस देश का। इसलिए मैं सोच रहा हूं कि ऐसे लोग जो चरित्रशील लोग हैं ऐसे लोगों का उसमें जाना बहुत जरूरी है। उससे हमारी लोकशाही प्रबल होगी। सुदृढ लोकशाही का निर्माण होगा। और देश के लिए उज्जवल भविष्य मिल जाएगा उसमें से ऐसे मुझे विश्वास लगता है। मेरा आशास्थान वो युवक हैं।
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