Wednesday, May 7, 2008

छत्तीसगढ़ में पत्रकार गिरफ्तार

छत्तीसगढ़ पुलिस ने मानवअधिकार कार्यकर्ता और पत्रकार अजय टीजी कॊ गिरफ्तार किया है। टीजी पर माओवादियॊं कॊ पत्र लिखने का आरॊप है।

उनकॊ पुलिस ने दि छत्तीसगढ़ स्टेट पुलिस सिक्यॊरिटी एक्ट के तहत गिरफ्तार किया है। आपकॊ बताना चाहुंगा कि डा बिनायक सेन कॊ भी सरकार ने इसी कानून के तहत गिरफ्तार थाL
इस कानून कॊ लागू करने के समय प्रदेश में भारी विरॊध हुआ था लेकिन सरकार ने इसे लागू कर दिया। इस कानून कॊ प्रदेश में काला कानून के नाम से जाना जाता है।

इस गिरफ्तारी से साफ है कि राज्य पुलिस अपनी षडयंत्रकारी नीतियों के तहत मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और संगठनों को 'आतंकवादी` ठहरा कर उन्हें गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाना चाहती है।

प्रेस में राज्य पुलिस की ओर से दी गई जानकारियों के मुताबिक अजय टीजी के खिलाफ कोई भी प्रमाण नहीं है, सिवाए इसके कि पुलिस ने दावा किया है कि अजय टीजी ने माओवादी नेताओं को पत्र लिखा है। इस दावे में भी षडयंत्र है।

पीयूसीएल का कहना है कि अजय टीजी को हमारे संगठन का सक्रिय मानवाधिकार कार्यकर्ता होने की वजह से फंसाया गया है। राज्य सरकार व्यवस्थित तरीके से पीयूसीएल और इससे जुड़े लोगों को फंसाने का काम कर रही है।

छत्तीसगढ़ में डॉ बिनायक सेन के बाद अजय टीजी ऐसे दूसरे सदस्य हैं जिन्हें गिरफ्तार किया गया है। डॉ सेन प्रसिद्ध मानवाधिकार डॉक्टर हैं, हाल ही में उन्हें ग्लोबल हेल्थ एंड ह्यूमन राइट्स २००७ के लिए प्रतिष्ठित डॉ जोनाथन मान अवार्ड दिया गया है।

एक फिल्मकार के रूप में अजय टीजी ने कई प्रोजेक्ट पर डायरेक्टर, कैमरामैन, संपादक और बेहतरीन ग्राफिक आर्टिस्ट की तरह काम किया है। उनकी कुछ फिल्मों जैसे ''लिविंग मेमोरी`` को ए सीजन ऑफ साउथ एशियन डाक्यूमेंट्रीज एंड फिल्म्स, कैंब्रिज, ब्रिटेन में प्रदशित किया गया है।

इसके अलावा ''सफर`` को शेफील्ड इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, शेफील्ड, ब्रिटेन में और ''द लास्ट भोल्टर`` को रॉयल एंथ्रोपोलोजिकल इंस्टीट्यूट फिल्म फेस्टिवल, लंदन, ब्रिटेन में प्रदशित किया गया है।

2 comments:

Udan Tashtari said...

यह तो अच्छी बात नहीं है.

अच्छी बात अब हम आपको बताते हैं:

---------------------------

आप हिन्दी में लिखते हैं. अच्छा लगता है. मेरी शुभकामनाऐं आपके साथ हैं इस निवेदन के साथ कि नये लोगों को जोड़ें, पुरानों को प्रोत्साहित करें-यही हिन्दी चिट्ठाजगत की सच्ची सेवा है.

एक नया हिन्दी चिट्ठा भी शुरु करवायें तो मुझ पर और अनेकों पर आपका अहसान कहलायेगा.

इन्तजार करता हूँ कि कौन सा शुरु करवाया. उसे एग्रीगेटर पर लाना मेरी जिम्मेदारी मान लें यदि वह सामाजिक एवं एग्रीगेटर के मापदण्ड पर खरा उतरता है.

यह वाली टिप्पणी भी एक अभियान है. इस टिप्पणी को आगे बढ़ा कर इस अभियान में शामिल हों. शुभकामनाऐं.

Udan Tashtari said...

इसका विरोध होना चाहिये:

------------------

मेरा निवेदन:

आप हिन्दी में लिखते हैं. अच्छा लगता है. मेरी शुभकामनाऐं आपके साथ हैं इस निवेदन के साथ कि नये लोगों को जोड़ें, पुरानों को प्रोत्साहित करें-यही हिन्दी चिट्ठाजगत की सच्ची सेवा है.

एक नया हिन्दी चिट्ठा भी शुरु करवायें तो मुझ पर और अनेकों पर आपका अहसान कहलायेगा.

इन्तजार करता हूँ कि कौन सा शुरु करवाया. उसे एग्रीगेटर पर लाना मेरी जिम्मेदारी मान लें यदि वह सामाजिक एवं एग्रीगेटर के मापदण्ड पर खरा उतरता है.

यह वाली टिप्पणी भी एक अभियान है. इस टिप्पणी को आगे बढ़ा कर इस अभियान में शामिल हों. शुभकामनाऐं.